कौन करै बस वस्तु कौन यहि लोक बड़ो अति।
को साहस को सिन्धु कौन रज लाज धरे मति।।
को चकवा को सुखद बसै को सकल सुमन महि।
अष्ट सिद्धि नव निद्धि देत माँगे को सो कहि।।
जग बूझत उत्तर देत इमि, कवि भूषण कवि कुल सचिव।
दच्छिन नरेस सरजा सुभट साहिनंद मकरंद सिव।।
Kaun karai bas vastu kaun yahi lok bado ati.
Ko saahas ko sindhu kaun raj laaj dhare mati.
Ko chakva ko sukhad basai ko sakal suman mahi.
Asht siddhi nav nidhi det maange ko so kahi.
Jag boojhat uttar det imi, kavi bhushan kavi kul sachiv.
Dachchin nares sarja subhat sahinand makarand siv.
मराठी अर्थ
सिन्धु = समुद्र. सुमन = फूल. रज = माती. सचिव = मंत्री. इमि = अशा प्रकारे.
(१) जगाला हे जाणून घ्यायचे आहे की, कोणत्याही वस्तुवर नियंत्रण करू शकणारी व्यक्ती कोण आहे आणि या जगात सर्वोत्तम व्यक्तिमत्व कोण आहे?
(२) धैर्याचा सागर कोण आहे, आणि आपल्या जन्मभूमीच्या मातीची लाज जपण्याचा विचार सदैव मनात ठेवणारा कोण आहे?
(३) चक्रवाक पक्ष्याला आनंद देणारा कोण आहे? पृथ्वीवरील सर्व सात्विक मनात कोण वसलेला आहे?
(४) मागितल्यास ज्याने आठ प्रकारच्या सिद्धी आणि नऊ प्रकारच्या निधीतून आपल्याला परिपूर्ण बनवण्याच सामर्थ्य कोणामध्ये आहे?
(५) तो दक्षिणेचा राजा आहे, मानवांमध्ये श्रेष्ठ आहे आणि ज्याप्रमाणे फुलांमध्ये सुगंध पसरवणाऱ्या परागकणांचा जन्म होतो, तसाच तो शाहजींच्या कुळात जन्मला, म्हणजेच शिवाजी महाराज.
हिंदी अर्थ
सिन्धु = समुद्र। सुमन = फूल| रज = मिट्टी। सचिव = मन्त्री| इमि = इस प्रकार।
(१) संसार जानना चाहता है, कि वह कौन व्यक्ति है जो किसी वस्तु को अपने वश में कर सकता है, और वह कौन है जिसका इस पृथ्वी-लोक में सर्वोत्तम व्यक्तित्व है?
(२) साहस का समुद्र कौन है, और वह कौन है जो अपनी जन्मभूमी की माटी की लाज की रक्षा करने का विचार सदैव अपने मन में रखे रहता है?
(३) चक्रवाक पक्षी को सुख प्रदान करने वाला कौन है? धरती के समस्त सात्विक-मनों में कौन बसा हुआ है?
(४) मांगते ही जो आठों प्रकार की सिद्धियाँ और नवों प्रकार की निधियों से परिपूर्ण बना देने का सामर्थ्य रखता है, वह कौन है?
(५) वे है दक्षिण के राजा, मनुष्यों में सर्वोत्कृष्ट एवं साहजी के कुल में जो उसी तरह उत्पन्न हुए हैं, जैसे फूलों में सुगंध फैलाने वाला पराग उत्पन्न होता है, अर्थात शिवाजी महाराज।