कत्ता की कराकनि चकत्ता को कटक काटि, कीन्हीं सिवराज वीर अकह कहानियाँ । ‘भूषन’ भनत तिहुँ लोक में तिहारी [...]
chhatrapati
बाजी गजराज सिवराज सैन साजत ही, दिल्ली दिलगीर दसा दिरघ दुखन की। तनीयाँ न तिलक सुथनियाँ पगनियाँ न, घामै [...]
बद्दल न होंहिं दल दच्छिन घमंड माँहिं, घटा हू न होहि दल सिवाजी हँकारी के । दामिनी दमंक नाहि [...]
प्रेतिनी पिशाचऽरु निसाचर निसाचरिहु, मिलि मिलि आपुस में गावत बधाई हैं। भैरौं भूत प्रेत भूरि भूधर भयंकर से, जुत्थ [...]
बाने फहराने घहराने घण्टा गजन के, नाहीं ठहराने राव राने देस देस के। नग भहराने ग्रामनगर पराने सुनि, बाजत [...]
साजि चतुरंग वीर रंग में तुरंग चढ़ि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है । ‘भूषण’ भनत नाद विहद नगारन [...]
कौन करै बस वस्तु कौन यहि लोक बड़ो अति।को साहस को सिन्धु कौन रज लाज धरे मति।।को चकवा को [...]